
Kalash Poorva: बीन्स (कॉलश पूर्वा) की खेती भारत में एक लाभदायक फसल है, जिसे विभिन्न क्षेत्रों में उगाया जाता है। इसकी पैदावार अधिक होती है और बाजार में इसकी मांग भी ज्यादा होती है। आज हम इस लेख में जानेंगे कि किस प्रकार आप कॉलश पूर्वा फ्रेंच बीन्स की खेती कर सकते हैं, इसमें लगने वाले बीज की मात्रा, पैदावार के दिनों की संख्या, पौधों की लंबाई, और खेती से जुड़ी अन्य जानकारियाँ।
Table of Contents
फ्रेंच बीन्स (कॉलश पूर्वा) की विशेषताएं:
- पकने के दिन: 53-57 दिन।
- पॉड का आकार: गोल।
- पॉड की लंबाई: 12-15 सेमी।
- पौधे की ऊंचाई: 2-2.5 फीट।
- बीज की जरूरत: प्रति एकड़ 3.5 से 4 किलोग्राम।
फ्रेंच बीन्स (कॉलश पूर्वा) की खेती की तैयारी
Kalash Poorva: फ्रेंच बीन्स की खेती करने से पहले उचित भूमि का चयन और उसकी तैयारी करना महत्वपूर्ण है। यह फसल सभी प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है, लेकिन अच्छे जल निकासी वाली भूमि का चयन फसल के विकास के लिए सर्वोत्तम होता है।
मिट्टी का चयन
- फ्रेंच बीन्स के लिए हल्की, मध्यम से भारी दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है।
- मिट्टी का pH स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। इसके अलावा, मिट्टी में जैविक तत्वों की मात्रा भी समृद्ध होनी चाहिए।
भूमि की तैयारी
- पहले भूमि को गहरी जुताई करें और 2-3 बार हल्की जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए।
- भूमि को समतल करें और फिर उसमें 20-25 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डालें।
- खेत में अच्छे जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पानी का जमाव न हो।
बीज बोने की विधि
फ्रेंच बीन्स के बीज की बुवाई की विधि और समय बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। सही समय पर बुवाई और विधि से अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
बीज की बुवाई का समय:
फ्रेंच बीन्स की बुवाई वर्षा ऋतु और सर्दियों दोनों में की जा सकती है। गर्मियों के अंत और मानसून के शुरुआत में इसकी बुवाई करना सबसे उपयुक्त होता है।
बीज बोने की विधि:
- बीज की मात्रा: प्रति एकड़ 3.5 से 4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
- पंक्ति से पंक्ति की दूरी: 30-45 सेमी।
- पौधे से पौधे की दूरी: 10-15 सेमी।
- बीज बोने की गहराई: बीज को 2-3 सेमी गहराई पर बोया जाता है।
- सिंचाई: बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें ताकि बीज में नमी बनी रहे और अंकुरण अच्छे से हो सके।

फसल की देखभाल
फ्रेंच बीन्स की खेती में समय-समय पर फसल की देखभाल और रोग नियंत्रण पर ध्यान देना आवश्यक होता है।
सिंचाई का समय
फ्रेंच बीन्स को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, खासकर अंकुरण और फूल आने के समय। पानी की कमी से फलियों का विकास प्रभावित हो सकता है।
खरपतवार नियंत्रण कैसे करे
Kalash Poorva: फसल के बेहतर विकास के लिए खेत में खरपतवार की सफाई आवश्यक होती है। फसल में पहली निराई बुवाई के 20-25 दिनों के बाद करें और दूसरी निराई 40-45 दिनों के बाद करें। इसके अलावा, खेत को खरपतवार से मुक्त रखने के लिए आवश्यकतानुसार खरपतवार नाशक का प्रयोग कर सकते हैं।
उर्वरक देने का समय
फ्रेंच बीन्स के लिए उचित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग फसल की पैदावार और गुणवत्ता में वृद्धि करता है।
- बुवाई के समय 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फॉस्फोरस और 40 किलोग्राम पोटाश प्रति एकड़ की मात्रा में डालें।
- फूल आने के समय नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ा सकते हैं।
फसल की कटाई और उपज
फ्रेंच बीन्स की फसल 53-57 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। जब फलियों का रंग गहरा हरा हो जाता है और उनका आकार 12-15 सेमी हो जाता है, तब फसल की कटाई करें। फसल की कटाई हाथ से करनी चाहिए ताकि पौधे को नुकसान न हो।
उपज
यदि आप सही देखभाल और उर्वरक का उपयोग करते हैं, तो प्रति एकड़ 5-6 टन उपज प्राप्त कर सकते हैं। यह उपज फसल की गुणवत्ता और समय पर कटाई पर निर्भर करती है।
फ्रेंच बीन्स (कॉलश पूर्वा) की खेती के मुख्य बिंदु
बिंदु | विवरण |
---|---|
पकने का समय | 53-57 दिन |
पॉड का आकार | गोल |
पॉड की लंबाई | 12-15 सेमी |
पौधे की ऊंचाई | 2-2.5 फीट |
बीज की जरूरत | प्रति एकड़ 3.5-4 किलोग्राम |
सिंचाई | नियमित (अंकुरण और फूल आने के समय महत्वपूर्ण) |
खरपतवार नियंत्रण | 2 बार निराई और खरपतवार नाशक का प्रयोग |
उर्वरक | 40 किग्रा नाइट्रोजन, 60 किग्रा फॉस्फोरस, 40 किग्रा पोटाश |
उपज | प्रति एकड़ 5-6 टन |
सामान्य प्रश्न (QNA)
Q1: फ्रेंच बीन्स की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मौसम कौन सा है?
उत्तर: फ्रेंच बीन्स की खेती मानसून और सर्दियों दोनों मौसमों में की जा सकती है। बुवाई का सही समय गर्मियों के अंत और मानसून की शुरुआत होती है।
Q2: बीज की कितनी मात्रा प्रति एकड़ चाहिए?
उत्तर: प्रति एकड़ 3.5 से 4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
Q3: फसल की कटाई कब करनी चाहिए?
उत्तर: फसल की कटाई तब करनी चाहिए जब फलियों का रंग गहरा हरा हो और उनका आकार 12-15 सेमी हो।
Q4: फसल की उपज कितनी हो सकती है?
उत्तर: उपज प्रति एकड़ 5-6 टन हो सकती है, जो फसल की गुणवत्ता और देखभाल पर निर्भर करती है।
Q5: उर्वरकों का उपयोग कैसे करें?
उत्तर: बुवाई के समय 40 किग्रा नाइट्रोजन, 60 किग्रा फॉस्फोरस और 40 किग्रा पोटाश प्रति एकड़ की मात्रा में डालें।

निष्कर्ष
फ्रेंच बीन्स (कॉलश पूर्वा) की खेती एक लाभदायक फसल है, जिसे सही समय, उर्वरक और सिंचाई की मदद से अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है। बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है, जिससे किसान को बेहतर मुनाफा हो सकता है।
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